अंधी लाठी टेककर खड़ी हो गई और सेठजी की ओर मुंह करके बोली- 'अच्छा भगवान तुम्हें बहुत दे। और अपनी झोंप... अंधी लाठी टेककर खड़ी हो गई और सेठजी की ओर मुंह करके बोली- 'अच्छा भगवान तुम्हें ब...
उसे देखकर रहमत काबुली पहले तो सकपका गया। उससे पहले जैसी बातचीत न करते बना। बाद में वह हँसते हुए बोला... उसे देखकर रहमत काबुली पहले तो सकपका गया। उससे पहले जैसी बातचीत न करते बना। बाद म...
संसार में और-और अभाव तो अनेक हैं, पर निन्दकों की कोई कमी नहीं है संसार में और-और अभाव तो अनेक हैं, पर निन्दकों की कोई कमी नहीं है
प्रबल घृणा करने एवं उस घृणा को प्रबलतापूर्वक प्रगट करने की असाधारण क्षमता होती है प्रबल घृणा करने एवं उस घृणा को प्रबलतापूर्वक प्रगट करने की असाधारण क्षमता होती ह...
ये दो विपरीत सोच रखने वाली संस्कृतियों के बीच एक ऐसा सांस्कृतिक पुल भी था जिसका अपना अ ये दो विपरीत सोच रखने वाली संस्कृतियों के बीच एक ऐसा सांस्कृतिक पुल भी था जिसका ...